हेल्दी लाइफ का टॉनिक सेंस ऑफ ह्यूमर

उन्नीसवीं शताब्दी में जब पहली बार बड़े दावे के साथ प्रसिद्ध मनोविश्लेषक सिगमंड फ्रॉयड ने कहा, 'इंसान की बीमारियों का बहुत बड़ा स्रोत उसका मन और उसकी सोच है।' तब जाकर दुनिया के एक बड़े तबके को यकीन आया कि आयुर्वेद हमेशा से क्यों स्वस्थ और प्रसन्न रहने की वकालत करता रहा है। दरअसल, खुशी शरीर को लगातार डिटॉक्स करती है। इसलिए शरीर से जहर बाहर चला जाता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहती है। इसीलिए खुश लोग कम बीमार पड़ते हैं, वे ज्यादा मजबूत भी होते हैं। लेकिन सवाल है, खुशी कहां से आए?  

खुशी के लिए हंसी जरूरी

खुशी पाने के या कहें खुशी पैदा करने के तरीकों में से एक है 'सेंस ऑफ ह्यूमर'। हंसी-मजाक और हाजिरजवाबी का गुण न केवल हमें खुश रखता है बल्कि लोकप्रिय भी बनाता है और सेहतमंद भी रखता है। इसलिए सेहतमंद रहना है तो जीवन में ह्यूमर को जगह जरूर देनी होगी।

ना चूकें हंसने का मौका

आज की हमारी जिंदगी बहुत तेज रफ्तार हो गई है। कहना चाहिए कि सिर्फ तेज ही नहीं है, हमने अपने कंधों पर महत्वाकांक्षाओं का भारी बोझ भी ले रखा है। इसीलिए हमारी जिंदगी में सुकून सिरे से गायब है। आज समृद्ध से समृद्ध व्यक्ति भी तनावग्रस्त है, सुकून के लिए तरसता है। उसके पास हर तरह की सुख-सुविधाएं होती हैं, नहीं होता तो बस समय और सुकून। सवाल है ऐसे में क्या करें? इसका जवाब है-खूब मुस्कुराएं और ठहाके लगाएं। जी हां, हंसना-मुस्कुराना जीवन में ऊर्जा भरने का सहज-सुलभ साधन है। इसलिए जब भी मौका मिले खुलकर हंसें, खूब ठहाके लगाएं। चाहे जितने व्यस्त हों लेकिन स्वस्थ रहना चाहते हैं तो हर दिन प्रकृति के साथ कुछ पल बिताएं। गहरी सांस लें। पार्क या किसी गार्डन में लगे लोगों के मजमे में शामिल होने से ना झिझकें।

सीखें खुद पर हंसना

बुरा वक्त सभी की जिंदगी में आता है, उसे ही हर समय याद करके अपने आप पर जुल्म न करें। अपनी गलतियों, नादानियों पर रोने की जगह कभी-कभी मुस्कुराएं। यही है असली सेंस ऑफ ह्यूमर। अगर आपने अपने पर हंसना नहीं सीखा, अपने पर व्यंग्य करना नहीं सीखा तो आप सेंस ऑफ ह्यूमर नहीं सीख सकते। दूसरों के ऊपर हंसना तो बहुत आसान है। आप खुद पर भी हंसो-मुस्कुराओ और सेहत बनाओ।

गजब का होता है असर

आप भले यकीन ना करें लेकिन बहुत ही गजब की चीज है- सेंस ऑफ ह्यूमर। इसका जादू पलक झपकते ही सामने वाले पर असर दिखाता है। कितना भी रूखा इंसान हो, एक पल रुककर आपकी बात पर जरूर गौर करेगा। विचारों को कड़क, सीधे सपाट शब्दों में रखने से कई तरह की कंट्रोवर्सी क्रिएट हो जाती है। इसलिए अपनी बात को मजाकिया अंदाज में प्रस्तुत करें। इससे जहां आपको खुद ऊंचा बोलने, गुस्सा होने में जो ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है, उससे बच जाएंगे, साथ ही दूसरे को भी अपने सेंस ऑफ ह्यूमर से आप खुश कर देंगे। इसका फायदा दूसरों से ज्यादा आपको होगा। यह मत समझिए कि सेंस ऑफ ह्यूमर के चलते आपको लोग मसखरा समझने लगेंगे। मशहूर लोगों की भी चाहत होती है कि उनमें सेंस ऑफ ह्यूमर भी डेवलप हो।

कठिन नहीं यह कला सीखना

कोई भी जन्म से सेंस ऑफ ह्यूमर की कला सीखकर नहीं आता। हर कोई यहीं सीखता है। इसलिए आप यह न कहें कि आपमें तो सेंस ऑफ ह्यूमर की कला है ही नहीं। सेंस ऑफ ह्यूमर डेवलप करने के लिए अपना एक अलग एटीट्यूड विकसित करें। इसे आप कई तरह से सीख सकते हैं। टीवी पर ऐसे कॉमेडी प्रोग्राम देखें, जिनमें बात से बात में कॉमेडी निकाली जाती है। जोक्स पढ़ें, कार्टून देखें और लोगों की बातों को बहुत गौर से सुनें। तुरंत प्रतिक्रिया देने की बजाय उसमें कुछ फेरबदल करके ह्यूमर का एलिमेंट जोड़ें, फिर देखिए कैसे खेल-खेल में ह्यूमर तैयार हो जाता है। यह भी याद रखें कि आप दूसरों को तभी हंसा सकते हैं, जब आप खुद हंसना जानते होंगे।

हेल्थ के लिए फायदेमंद

ह्यूमर से मन और तन सदा सेहतमंद रहते हैं। ह्यूमरस एटीट्यूड का संबंध हमारी अंदरूनी पॉजिटिविटी से सीधे तौर पर जुड़ा है। अच्छे सेंस ऑफ ह्यूमर वाले लोगों की इम्यूनिटी पावर अच्छी होती है। आज के माहौल में बीमारियों से तो कोई हमेशा बच नहीं सकता, परंतु इम्यूनिटी अच्छी होने से बीमारी आसानी से होती नहीं या होती है तो देर तक टिकती नहीं। हंसमुख लोगों को स्ट्रेस कम सताता है। उनके दोस्तों की संख्या काफी होती है, उन्हें अकेलापन नहीं सताता। अच्छे दोस्तों का साथ रहता है तो बुरे वक्त में भी उनका आत्मविश्वास बना रहता है। अच्छी लाइफ के लिए भला और क्या चाहिए, तो बस हंसिए-हंसाइए।




हेल्दी लाइफ का टॉनिक सेंस ऑफ ह्यूमर हेल्दी लाइफ का टॉनिक सेंस ऑफ ह्यूमर Reviewed by HealthTak on December 24, 2020 Rating: 5

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