People Loose These Senses Before They Die: जब हम किसी अपने को खोते हैं, तो शायद बहुत बेबस और लाचार महसूस करते हैं। इसकी वजह ये होती है कि हम उस इंसान को बचाना चाहते हैं, लेकिन कुदरत के आगे किसी की नहीं चलती है। अक्सर आपने सुना होगा कि जो इस दुनिया में आया है, उसे एक दिन इस दुनिया को छोड़कर भी जाना होता है। ये तो हुई जाने वाले के परिवार और दोस्तों के दुख दर्द की बात, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अपनी सांसे छोड़ रहे इंसान को कैसा लगता है। अपनी मौत को पास आते देखना शायद हर इंसान की जिंदगी का सबसे बड़ा डर होगा। मगर फिर भी, जीवन के इस सच से कोई नहीं बच सकता है। ऐसे में मरते (Death) हुए इंसान के मन में क्या चल रहा होता है, वह कैसा महसूस करता है, ये बताना बहुत मुश्किल है।
मौत को करीब देख क्या होती है मरने वाले की भावना
हालांकि, आज के इस आर्टिकल में हम आपको ये जरूर बताएंगे कि इंसान की मृत्यु से पहले कौन सी इन्द्रियां (Senses) कब उनका साथ छोड़ती हैं। एक डॉक्टर जिन्होंने अपनी लाइफ में बहुत से लोगों को अपनी जान गंवाते देखा है, उन्होंने बताया कि मरने से पहले इंसान के शरीर में क्या बदलाव आते हैं। ब्रिटिश समाचार पत्र 'द मिरर' के मुताबिक मौत से पहले कैसा लगता है, इस बारे में डॉक्टर ने बताया कि मरने का प्रोसेस आमतौर पर इंसान की धड़कनें थमने से तकरीबन 2 हफ्ते पहले शुरू हो जाता है। लिवरपूल यूनिवर्सिटी में मानद रिसर्च फेलो सीमस कोयल ने मरने की प्रक्रिया के बारे कहा कि मुझे लगता है कि किसी भी व्यक्ति के मरने का प्रोसेस लगभग 2 हफ्ते पहले से शुरू हो जाता है। इस समय में लोगों को चलने और सोने में परेशानियां होने लगती हैं। अपने आखिरी दिनों में इंसान खाने और पीने की क्षमता भी खो देता है।
जानिए मृत्यु तक कब कौन सी इन्द्रियां छोड़ती हैं साथ
सीमस कोयल ने कहा कि भूख और प्यास तब खत्म होने लगती है, जब व्यक्ति के पास जिंदगी के महज 2-3 दिन ही बाकी हों। कई रिसर्चस का कहना है कि मृत्यु के समय दिमाग से कई सारे केमिकल्स निकलते हैं। इन्ही में से एक एंडोर्फिन भी होता है, जो इंसान की भावनाओं को काफी बढ़ा देता है। इसके साथ ही लोगों के स्ट्रेस लेवल में भी वृद्धि होती है। अगर इंसान कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार होता है, तो उसके शरीर में सूजन भी आने लगती है। बता दें कि रिपोर्ट के मुताबिक, इंसान के खाने और पीने क्षमता खोने के बाद आखिर में उनके सुनने और महसूस करने की क्षमता खत्म हो जाती है। इसके बाद धड़कनों के रुकने के साथ इंसान की मृत्यु हो जाती है। हालांकि, ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति की आंखें काफी वक्त तक काम करती हैं।
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