Ultrasound in Pregnancy: दुनिया में किसी भी महिला के लिए मां बनना या ना बनना उनका एक निजी फैसला हो सकता है। कई महिलाएं मां बनने के लिए उत्सुक होती हैं, तो कुछ महिलाएं अनचाहे गर्भ को गिराने करने के लिए अबॉर्शन पिल्स (Abortion Pills) की मदद लेती हैं। अबॉर्शन करने के लिए ली जाने वाली ये दवाएं, किसी भी महिला के लिए एक आसान और जल्दी परिणाम देने वाला तरीका हो सकता है। लेकिन, क्या आप जानती हैं कि प्रेग्नेंसी को रोकने (prevent pregnancy) के लिए ली जाने वाली इन दवाओं को खाने से पहले हर महिला को अल्ट्रासाउंड टेस्ट (Ultrasound Test) जरूर करवाना चाहिए।
इन वजहों से प्रेग्नेंट महिलाओं को करवाना चाहिए अल्ट्रासाउंड
प्रेग्नेंसी की पहचान (Pregnancy Detection)
अल्ट्रासाउंड करवाने के बाद महिला को अपनी प्रेग्नेंसी से जुड़ी कई सारी बातों के बारें में पता चलता है। उदाहरण के तौर पर एक महिला अल्ट्रासाउंड के जरिए पता कर सकती है कि उसका गर्भ यूट्रस में ठहरा हुआ है या फिर महिला को एक्टोपिक गर्भधारण (ectopic pregnancy) का संकट बना हुआ है। एक्टोपिक गर्भधारण का मतलब यह है कि महिला का फर्टिलाइज एग यूट्रस के बाहर डिवेलप हो रहा है। इन हालातों में महिला को अपने आप से अबॉर्शन पिल्स (Abortion Pills) लेने की बजाय तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह और मदद लेनी चाहिए। एक्टोपिक प्रेग्नेंसी, महिला के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। इस तरह की प्रेग्नेंसी में महिला अबॉर्शन के सभी लक्षणों को महसूस करती है, लेकिन उसकी प्रेग्नेंसी यूट्रस के बाहर फैलोपियन ट्यूब में विकसित होती रहती है। सरल भाषा में कहें तो बच्चा फेलोपियन ट्यूब में बढ़ने लगता है, जो कि महिला के स्वास्थ्य के लिए बेहद जोखिम भरा होता है।
प्रेग्नेंसी की स्थिति का पता चलता है (Knows Pregnancy Status)
आप बेशक अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में अनुमान लगा सकते हों, परन्तु प्रेग्नेंसी के ठीक समय का पता आपको अल्ट्रासाउंड के द्वारा ही चल पाएगा। प्रेग्नेंसी की स्थिति का पता लगाने के लिए यही एकमात्र सही तरीका है। ऐसे में अबॉर्शन करने के लिए ली गई गोलियां अधूरे गर्भपात जैसी परेशानी का खतरा हो सकता है, जो कि महिला के लिए काफी ज्यादा गंभीर है। इस स्थिति में महिला को असहनीय दर्द का सामना भी करना पड़ता है। अगर महिला फिर भी अबॉर्शन करवाना चाहती है, तो उसे दो अलग तरह की गोलियों का सेवन करना पड़ेगा। पहली गोली डॉक्टर की निगरानी में लेनी है और 36-48 घंटों के बाद दूसरी गोली लेने के लिए डॉक्टर के पास आना है।
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भ्रूण की स्थिति का पता चलता है (Know the status of foetus)
प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के शरीर में एचसीजी हार्मोन का लेवल काफी हाई बन सकता है। डॉक्टर्स का कहना है कि 20 प्रतिशत ज्ञात प्रेग्नेंसी अबॉर्शन की वजह से खत्म हो जाती हैं। लेकिन अगर महिला को अपनी प्रेग्नेंसी से कोई समस्या नहीं है, तो उन्हें अबॉर्शन की आवश्यकता नहीं होती है। इन सबका पता लगाने के लिए यूरिन या ब्लड टेस्ट की जगह अल्ट्रासाउंड सबसे तेज तरीका है। अल्ट्रासाउंड भ्रूण की स्थिति का अंदाजा लगाकर आपको प्रेग्नेंसी की सटीक जानकारी देता है।
डिस्क्लेमर: अगर आप भी अनचाही प्रेग्नेंसी से गुजर रही हैं तो अबॉर्शन टेबलेट लेने से पहले चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें। हरिभूमि डॉट कॉम इस खबर के लिए उत्तरदायी नहीं है।
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