Difference Between Heart Attack And Cardiac Arrest: जब हम दिल से जुड़ी बीमारियों की बात करते हैं, तो इस एक शब्द में कोरोनरी आर्टरी रोग (Coronary Artery Disease), कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) और दिल का दौरा (Heart Attack) सहित कई हृदय संबंधी परेशानियां शामिल होती हैं। देश ही नहीं, पूरी दुनिया में हृदय रोग के कारण होने वाली मौतों का आंकड़ा कई गुना ज्यादा बढ़ गया है। हालांकि, इन जानलेवा स्थितियों से बचाव के लिए आप अपने लाइफस्टाइल (Lifestyle) में जरूरी बदलाव कर सकते हैं। कई लोग कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के बीच अंतर नहीं समझते हैं, उन्हें ये दोनों ही स्थितियां एक जैसी लगती हैं। हालांकि, ये दोनों गंभीर चिकित्सीय स्थितियां अपने कारणों, तंत्रों और शरीर पर प्रभावों के संदर्भ में एक-दूसरे से अलग हैं।
क्या होता है दिल का दौरा (What is Heart Attack)
दिल के दौरे को मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (Myocardial Infarction) भी कहा जाता है। यह स्थिति तब होती है, जब एक या एक से ज्यादा कोरोनरी आर्टरीज (Coronary Arteries) ब्लॉक हो जाती हैं। यह बाधा आमतौर पर रक्त के थक्के (Blood Clotting) के बनने से उत्पन्न होती है। यह हृदय के एक हिस्से में रक्त की आपूर्ति को ब्लॉक करता है। पर्याप्त मात्रा में ब्लड फ्लो ना होने की वजह से हृदय की मांसपेशियों के सेल्स मर जाते हैं।
दिल के दौरे के लक्षण (Symptoms of heart attack)
सीने में दर्द या बेचैनी
सांस की तकलीफ
पसीना
चक्कर आना
हाथ, कंधे, गर्दन, जबड़े या पीठ में दर्द आदि।
क्या होता है कार्डियक अरेस्ट (What is Cardiac Arrest)
कार्डियक अरेस्ट की स्थिति तब होती है, जब दिल के काम करने में अचानक कमी आने लगती है। इससे वेंट्रिकुलर फाइब्रिलेशन (ventricular fibrillation) या वेंट्रिकुलर टैचीकार्डिया (ventricular tachycardia) होता है। इन दो अनियमित कार्डियक रिदम में दिल धड़कता है, जिससे हृदय के लिए पूरे शरीर में पर्याप्त रूप से रक्त पंप (Blood Pump) करना मुश्किल हो जाता है। कार्डियक अरेस्ट दिल की अनियमित लय के कारण इसकी कार्यक्षमता को अचानक नुकसान पहुंचाता है, जबकि दिल का दौरा कोरोनरी धमनियों में रुकावट के कारण होता है। इसके परिणामस्वरूप हृदय को रक्त की आपूर्ति में कमी हो जाती है।
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण (Symptoms of cardiac arrest)
- चेतना की हानि
- श्वास की समाप्ति
- नाड़ी की अनुपस्थिति (absence of pulse) शामिल हैं।
स्वस्थ हृदय ताल और परिसंचरण पर लौटने के लिए तत्काल चिकित्सा पर ध्यान देना बहुत ज्यादा जरूरी है। इसमें सीपीआर और डीफिब्रिलेटर का उपयोग करना जरूरी होता है। यहां ध्यान रखने वाली बात ये है कि दिल का दौरा पड़ने से कार्डियक अरेस्ट की संभावना ज्यादा हो सकती है, क्योंकि हृदय की ब्लॉक मांसपेशी अनियमित दिल की धड़कन का कारण बनती है। वहीं, कार्डियक अरेस्ट अचानक और हृदय रोग (Heart Diseases) के किसी भी पूर्व लक्षण के बिना भी हो सकता है।
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