Haribhoomi Explainer: आज मनाया जा रहा World Hypertension Day, जानें इसका इतिहास, भारत में इसके कितने मरीज

विश्व उच्च रक्तचाप दिवस आज। 

विश्व उच्च रक्तचाप दिवस आज। 

Haribhoomi Explainer: भागदौड़ से भरी जिंदगी में लोग तनाव से गुजर रहे हैं। तनाव बढ़ने के साथ ही भारी संख्या में लोग हाई बीपी की जद में आ रहे हैं। हालात यह हैं कि भारत में भी लोग हाई बीपी के मरीज बन रहे हैं। टाइम की कमी कहीं या फिर जागरुकता की कमी, ज्यादतर लोग इसे लेकर अंजान नजर आते हैं। यही वजह है कि लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाया जाता है। आज भी पूरी दुनिया इस दिन को मना रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन हर साल एक अलग थीम पर इस खास दिन को मनाता है। हरिभूमि एक्सप्लेनर में आपको विश्व हाइपरटेंशन की थीम, उद्देश्य और इतिहास के बारे में बताएंगे। साथ ही, जानकारी देंगे कि उच्च रक्तचाप के लक्षण, कारण और बचाव कैसे कर सकते हैं।

कब और क्यों मनाया जाता है विश्व हाइपरटेंशन दिवस   

हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य इस बीमारी को रोकना और लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है। लोगों को बताया जाता है कि हाई बीपी की बीमारी से कैसे बचा जाए। हाई ब्लड प्रेशर आज वैश्विक स्तर पर एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। डॉक्टरों की मानें तो पहले हाई ब्लड प्रेशर की समस्या अधिक उम्र के लोगों में पाई जाती थी, लेकिन अब युवाओं में भी हाइपरटेंशन बीमारी देखी जा रही है। यही नहीं, बच्चों में भी हाई बीपी की शिकायतें सामने आ रही हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि दुनिया के हर चार व्यक्तियों में से एक व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर का मरीज है। इस बीमारी का खतरा महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक होता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों के बीच हाइपरटेंशन के जोखिम और इसकी रोकथाम को लेकर जागरुकता फैलाना है, ताकि भविष्य में इस समस्या और इसके कारण होने वाली अन्य समस्याओं से बचा जा सके

ये है हाइपरटेंशन का मुख्य कारण

विशेषज्ञों का कहना है कि हाइपरटेंशन का मुख्य कारण टेंशन और गलत खानपान है। इसके अलावा पर्याप्त नींद न लेना और नमक का अधिक सेवन करने के अलावा कई ऐसे कारण हैं, जो लोगों को हाई बीपी का शिकार बना देते हैं। खतरनाक पहलु यह है कि इस बीमारी के प्रारंभिक लक्षण पता नहीं चल पाते हैं। ऐसे में लोगों को पता ही नहीं चल पाता है कि वे हाई बीपी के मरीज बन सकते हैं। दरअसल, हाइपरटेंशन के लक्षणों को पहचानना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। बावजूद इसके कुछ ऐसे संकेत हैं, जिनके द्वारा उच्च रक्तचाप को पहचाना जा सकता है। मसलन मोटापा बढ़ना, गुस्सा आना, तैलीय खाद्य पदार्थों का सेवन ऐसे संकेत हैं, जिसे देखकर लोगों को सचेत होना चाहिए। ऐसे में आपको हाइपरटेंशन के लक्षण और बचाव के तरीकों की जानकारी होनी चाहिए। नीचे पढ़िये हाइपरटेंशन के लक्षण...

हाइपरटेंशन के लक्षण

  1. सीने में दर्द या दबाव
  2. बेचैनी या घबराहट होना
  3. सांस फूलना
  4. थकान महसूस होना
  5. पेशाब के रास्ते खून आना
  6. हमेशा सरदर्द
  7. साफ दिखाई नहीं देना
  8. शरीर का तापमान बढ़ जाना

हाइपरटेंशन का निवारण कैसे करें?

हाइपरटेंशन तो पूरी तरह ठीक नहीं हो सकता, लेकिन एंटी हाइपरटेंसिव दवाओं और सही जीवन शैली तथा अपने खानपान का ध्यान देकर इसे कंट्रोल में किया जा सकता है ।

  • हाइपरटेंशन पीड़ित मरीजों को समय-समय पर डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।
  • डॉक्टरों द्वारा सुझाए गए बातों का पालन करना चाहिए। 
  • समय समय पर उच्च रक्तचाप का जांच कराते रहना चाहिए।
  • किसी भी दवा को खाने से पहले डॉक्टर्स से सलाह लेना चाहिए।

पहली बार कब मनाया गया विश्व उच्च रक्तचाप दिवस

विश्व उच्च रक्तचाप दिवस हर साल 17 मई को मनाया जाता है। विश्व भर में कई देश इस दिन हाइपरटेंशन को मनाते हैं। पहली बार विश्व उच्च रक्तचाप दिवस साल 2005 में मनाया गया था। 2005 में 14 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस की शुरुआत हुई थी । 2006 से विश्व उच्च रक्तचाप दिवस 17 मई को मनाया जाता है। विश्व उच्च रक्तचाप लीग उच्च रक्तचाप समाजों और लीगों से निपटने वाले 85 देशों के संगठनों का एक समूह है, जो इस दिन को उच्च रक्तचाप दिवस मनाते हैं। यह दिन High Blood Pressure या उच्च रक्तचाप के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है क्योंकि संगठन ने महसूस किया कि इस स्थिति के बारे में लोगों में ज्ञान की कमी है।  

भारत में हाई बीपी के मरीज

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत हर 4 में से 1 वयस्क हाइपरटेंशन बीमारी से पीड़ित है। दुनिया में लगभग 100 करोड़ से भी अधिक लोग इससे पीड़ित है।इसके कारण दुनिया में मौतों की संख्या बढ़ती जा रही है। वहीं, भारत में 45 प्रतिशत लोग हाइपरटेंशन बीमारी से पीड़ित हैं। उत्तराखंड की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 54.7 प्रतिशत लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं।

भारत ने 2025 तक उच्च रक्तचाप (बढ़ा हुआ रक्तचाप) के प्रसार में 25% सापेक्षिक कमी का लक्ष्य रखा है। इसे प्राप्त करने के लिए भारत सरकार ने भारतीय उच्च रक्तचाप नियंत्रण पहल की शुरुआत की है, ताकि सेवाओं की तेजी से पहुंच हो सके। भारत में उच्च रक्तचाप वाले केवल 12% लोगों का रक्तचाप नियंत्रण में है। अनियंत्रित हृदय संबंधी दबाव (सीवीडी) जैसे दिल का दौरा और स्थिति के लिए प्रमुख जोखिमों में से एक है, और भारत में होने वाली कुल मृत्यु में से एक तिहाई के लिए जिम्मेदार है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार ने 2015-16 के सर्वे में शामिल 731864 लोगों का सर्वे किया। सर्वे में शामिल लोगों की आयु 15 से 49 वर्ष की थी, जो हाइपरटेंशन बीमारी से पीड़ित है। इस सर्वे के आधार पर विशेषज्ञों का कहना है कि पहले 20 से 30 वर्ष के युवाओं में हाइपरटेंशन की समस्याएं नहीं पाई जाती थी, लेकिन आज हालात बदल गए हैं। अब युवाओं में भी यह समस्या आने लगी है। इसके कारण हाईप्रेशर, हार्टअटैक किडनी की समस्या जैसे बीमारी उत्पन्न हो रही है।



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Haribhoomi Explainer: आज मनाया जा रहा World Hypertension Day, जानें इसका इतिहास, भारत में इसके कितने मरीज Haribhoomi Explainer: आज मनाया जा रहा World Hypertension Day, जानें इसका इतिहास, भारत में इसके कितने मरीज Reviewed by HealthTak on May 17, 2023 Rating: 5

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