गुरुग्राम। हरियाणा में पहली बार इराक की 66 वर्षीय एक महिला मरीज का डाॅक्टरों ने पॉवर स्पाइरल एंटरोस्कोपी (Power Spiral Enteroscopy) से इलाज किया। महिला की छोटी आंत में होने वाले रक्तस्राव से त्रस्त थी। जिसका गुरुग्राम के फोर्टिज अस्पताल में इलाज किया गया।
इस अवसर पर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड हेपाटो-बायिलरी साइंसेज, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम के चेयरमैन डॉ. गौरदास चौधरी व अतिरक्ति निदेशक डॉ. रिंकेश कुमार बंसल ने बताया कि अभी तक करीब 22 फुट लंबी छोटी आंत की जांच एडोस्कोपी से होती थी, लेकिन पूरी आंत की जानकारी नहीं मिल पाती थी। इराकी महिला पिछले कई साल से खून बहने (मेलेना) से ग्रस्त थी। जिससे महिला में लगातार खून की कमी बनी रहती थी। महिला को हर महीने दो से तीन यूनिट खून चढ़ाना पड़ता था। इस महिला को गुरुग्राम के फोर्टिस मैमोरियल रिसर्च सेंटर में लाया गया। जहां डाक्टरों ने पावर स्पायरल एंटोरोस्कोपी दुर्लभ प्रक्रिया की मदद से महिला का सफल इलाज किया।
डाक्टर रिंकेश कुमार बंसल का कहना है कि यह प्रक्रिया हरियाणा में पहली बार अपनाई गई है। उपचार के लिए स्पाइरल एंटरोस्कोपी का इस्तेमाल किया गया। महिला मरीज ने बताया कि उसे पिछले लंबे समय से यह समस्या थी, जिससे उससे खून की कमी व लिवर की भी समस्या हो गई थी।
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