Effects of Teasing in Kids: बच्चों को चिढ़ाएं नहीं वरना मनोरोगी बनने में नहीं लगेगी देर, जानिये पीछे की वजह
Effects of Teasing in Kids: स्कूल हो या घर बच्चे कई ऐसी चीजों से परेशान हो जाते हैं, जो उनेक मेंटल हेल्थ के लिए खरतनाक साबित हो सकती है। हम सभी कई बार बड़ों को बच्चों को चिढ़ाते हुए देखते हैं। चिढ़ाए जाने पर कुछ बच्चे तो इसे अनदेखा कर देते हैं, तो वहीं कई बच्चे इस बात को दिल पर रखकर इसी पर विचार करने लगते हैं। इस बात पर विचार करना बच्चों के मेंटल हेल्थ को भी इफेक्ट करती है।
आपको बता दें कि बच्चों की बढ़ती उम्र में किसी भी प्रकार की� नेगेटिव बर्ताव नहीं करना चाहिए क्योंकि इसका प्रभाव उनकी लाइफ को बदल कर रख देता है। स्कूल में ही नहीं, बल्कि घर पर कई बार बच्चे टीजिंग का शिकार होते हैं। कई बार घर के ही फैमिली मेंबर बच्चों में छोटी-छोटी कमियां जैसे हाइट, दुबलापन, कलर आदि निकालकर उन्हें चिढ़ाते व परेशान करते हैं। घर वालों की कही गई बात का असर बच्चों पर बहुत तेजी से पड़ता है क्योंकि वे अपने से बड़ों की बात को सच मान लेते हैं औऱ अंदर ही अंदर परेशान होते रहते हैं। यह परेशानी उन्हें डिप्रेशन के खतरे में भी डाल सकती है। इस स्थिति में यह बेहद जरूरी हो जाता है कि ये टीजिंग जैसी समस्या पर ध्यान दिया जाए और इसका साथ ही इसके परिणामों पर भी गौर किया जाए।�
बच्चे में हो सकती है कॉन्फिडेंस की कमी
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बच्चों के उनके अंदर की कमी को लेकर चिढ़ाना उनके व्यवहार और कॉन्फिडेंस को कम करता है। हीन भावना यानी कमी के कारण वे अंदर ही अंदर उस प्रॉब्लम को अपनी कमजोरी के रूप में देखने लगते हैं, फिर चाहे उस प्रॉब्लन से उन्हें कभी कोई परेशानी फेस न करनी पड़े। उस परेशानी को वे इतनी गंभीरता से सोचने लगते हैं कि वह परेशानी उनेक मानसिक स्थिति और शारीरिक स्थिति दोनों को कमजोर बनाता है।
साइबर बुलिंग बना चिढ़ाने का नया प्लेटफॉर्म
वे बच्चे जो टीजिंग का अक्सर शिकार होते हैं वे उस कमी के कारण लोगों से दूरी बनाने लगते हैं। वे खुद की अकेली दुनिया में रहना पसंद करते हैं ताकि उन्हें कोई जज न किया जाए। अकेले में लोग सोशल प्लेटफॉर्म का यूज करते हैं लेकिन उन्हें इस बात का भी डर बना रहता है कि कहीं उनकी इन फीलिंग्स का कोई फायदा न उठाए। जैसे- पर्सनल सीक्रेट को फ्रेंड बनकर जानना और फिर कुछ समय के बाद उन्हें परेशान और ब्लैकमेल करना। ऐसी स्थिति में पैरेंट्स को बच्चों पर खास ध्यान रखना चाहिए।�
आपके अंदर की कमी को दर्शाता है टीजिंग
बच्चों को चिढ़ाना आपके अंदर की कमी को दर्शाता है। अगर आफको दूसरों को परेशान करने में खुशी मिलती है, तो इसका सीधा मतलब यह है, कि आप में संवेदनाओं की कमी है। आप जिस बात को लेकर बच्चों को टीज कर रहे हैं। उस बच्चे से ज्यादा से आपको खुद में सुधार करने की जरूरत है।
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