Polycystic Ovarian Disease महिलाओं में एण्ड्रोजन की अधिकता से होने वाली समस्या है, जबकि Polycystic ovary syndrome एक हार्मोनल समस्या है, जो महिलाओं की प्रजनन आयु को प्रभावित करता है। इसमें महिलाओं के शरीर में अधिक अंडों के बनने के कारण अनेक समस्याएं हो सकती हैं। PCOD एक सामान्य समस्या है, जबकि PCOS एक गंभीर समस्या है। अपने भोजन और लाइफस्टाइल में परिवर्तन करके PCOD का इलाज किया जा सकता, जबकि PCOS के इलाज के लिए भोजन, लाइफस्टाइल में परिवर्तन के साथ-साथ दवाइयों की भी आवश्यकता पड़ती है। आपको बता दें कि PCOD में गर्भधारण हो सकता है, जबकि PCOS में गर्भधारण की संभावना कम होती है
PCOD और PCOS के लक्षण
अनियमित पीरियड्स
असामान्य रूप से बालों का बढ़ना
त्वचा का काला पड़ना
अत्यधिक बाल झड़ना
ज्यादा ब्लीडिंग होना
मोटापा बढ़ना
मुंहासे होना
इंफर्टिलिटी
खान-पान में लापरवाही
शारीरिक गतिविधि नहीं करना
निष्क्रिय जीवनशैली
शरीर में इंसुलिन की मात्रा अधिक होना
आनुवंशिक कारण
PCOD और PCOS का उपचार
हार्मोन को बैलेंस करके
पीरियड्स को नियमित करके ( गर्भ निरोधक गोलियों का प्रयोग करके)
मधुमेह (शुगर) को कंट्रोल करके
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करके
वजन कम करना
व्यायाम करके
दवाएं
भारत में PCOD और PCOS की स्थिति
भारत में हर पांच में से एक महिला को PCOD और PCOS का समस्या होती है। विशेषज्ञों के अनुसार, लड़कियों और महिलाओं में सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन गई है। यें ऐसी समस्या है कि जिसका सावधानी से उपचार बहुत जरूरी है। PCOD और PCOS का सही समय पर उपचार न होने पर तमाम तरह की समस्याएं हो जाती हैं, जैसे कि उच्च कोलेस्ट्रॉल, दिल का दौरा, उच्च रक्तचाप, चिंता और अवसाद, मधुमेह और एंडोमेट्रियल, डिम्बग्रंथि व स्तन कैंसर, स्लीप एप्निया आदि होने की संभावना बढ़ जाती है।
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