एलन मस्क के डर का समाधान करेंगे Birth Pods में पैदा होने वाले बच्चे, दुनिया को मिलेगी हाई क्वालिटी जनरेशन
World's First Artificial Womb Facility: दुनियाभर में जिस तरह से तकनीकों का विकास हो रहा है, उसे देखते हुए वो दिन भी दूर नहीं है, जब इंसानों के सभी काम मशीनें करती नजर आएंगी। बता दें कि टेस्ला के सीईओ और ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क (Elon Musk) ने कहा था कि बहुत ही जल्द तकनीकें इतना विकास कर लेंगी कि महिलाओं को बच्चे पैदा करने के लिए उन्हें 9 महीने अपने गर्भ में धारण करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। यह बच्चे बहुत ही शार्प दिमाग वाले होने के साथ ही हेल्दी भी होंगे। यह हाई क्वालिटी बच्चे अभी के मुकाबले हर चीज को बहुत बेहतर ढंग से पूरा करने में सक्षम होंगे। साथ ही, उन्होंने चिंता जताई थी कि धरती पर आबादी भी नहीं बढ़ रही है। अब एक कंपनी ने बड़ा ही चौंकाने वाला दावा किया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कंपनी हर साल तकरीबन 30 हजार हाई क्वालिटी वाले बच्चों को जन्म देगी। कंपनी अपने दावे को लेकर काफी कॉन्फिडेंट नजर आ रही है कि भविष्य में बच्चे मशीन में पालेंगे ना की माता के गर्भ में। मशीन में पले इस बच्चे पर भी पूरी तरह से माता-पिता का ही अधिकार होगा।
एक्टोलाइफ के दावों का एलन मस्क ने किया समर्थन
बता दें कि मशीने में पलने वाले इस बच्चे के जीन में माता-पिता अपने हिसाब से बदलाव भी करवा सकते हैं, जिसका सीधा सा मतलब ये है कि आप आपने बच्चे का स्किन टोन उसके बालों और आंखों का रंग आदि चीजे अपने हिसाब से चुन सकते हैं। यह भी कह सकते हैं कि भविष्य की इस तकनीक से आपको पूरी तरह से कस्टमाइज्ड बच्चे मिलेंगे। साल में 30 हजार बच्चों को बिना मांओं के गर्भ में पाले जन्म देने वाली इस कंपनी का नाम है एक्टोलाइफ (Ectolife)। आपको बताते चलें कि ये कंपनी उन सभी महिलाओं और पुरुषों की मदद करने का दावा कर रही है, जिनके किसी भी कारण से बच्चे पैदा नहीं हो रहा है। आर्टिफिशियल गर्भाशय के इस दावे पर काम कर रहे, एक्टोलाइफ के विशेषज्ञ हासिम अल गायली ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे से जुड़ा एक वीडियो भी साझा किया। एलन मस्क ने गायली की बात का समर्थन करते हुए कहा कि एक्टोलाइफ की ये तकनीक समय की जरूरत है और हाई क्वालिटी बच्चे पैदा करने के लिए यह बहुत जरूरी भी है।
आर्टिफिशियल गर्भाशय में कैसे रखा जाएगा बच्चों का ख्याल?
एक्टोलाइफ ने इस मामले और जानकारी साझा करते हुए कहा कि उनके पास हाई इक्विपमेंट वाली 75 लैब हैं। हर लैब में 400 ग्रोथ पॉड्स हैं, जहां बच्चों को पाला जाएगा। बता दें कि एक ग्रोथ पॉड्स माताओं के गर्भाशय कि तरह ही काम करता है। प्रत्येक ग्रोथ पॉड्स में एक ही बच्चा पलता है, इसे बिल्कुल महिलाओं के यूटेरस की तरह ही डिजाइन किया गया है। कंपनी का दावा है कि आर्टिफिशियल गर्भाशय में बच्चे पूरी तरह हेल्दी और सुरक्षित रहेंगे। अब कुछ लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि मां के खाने से ही बच्चे का पोषण और विकास संभव होता है। यह मशीन बच्चों का विकास किस तरह कर पाएगी?
इस बात पर कंपनी ने कहा कि बच्चों के खान-पान, उनसे जुड़ी बीमारियों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। यही कारण है कि हर पोड को एक स्क्रीन से जोड़ा गया है, जहां कोई भी मां-बाप अपने बच्चे की पूरी प्रोग्रेस लाइव देख सकते हैं। ग्रोथ पोड के भीतर बच्चे के वाइटल साइन- यानी उसकी स्किन, धड़कन, टेंपरेटर, हर्टबीट, ऑक्सीजन लेवल, ब्लड प्रेशर, ब्रीथिंग रेट, दिल, दिमाग, किडनी, लिवर और शरीर के बाकी अंगों को रियल टाइम मॉनिटर करने के लिए सेंसर लगाए गए हैं।
आप कैसे पा सकेंगे मन मुताबिक बच्चा?
एक्टोलाइफ के मुताबिक किसी भी कपल को इस प्रोसेस के जरिए मनचाहा बच्चा मिल सकता है। इसके लिए कंपनी ने खास एलीट पैकेज तैयार किया है, इस प्रोसेस को जेनेटिक इंजीनियरिंग कहा जाएगा, जिसमें बच्चे के भीतर कुछ स्पेशल किस्म के डीएनए डाले जाएंगे जिससे वह नॉर्मल बच्चों के मुकाबले बहुत ही शार्प और खास होंगे। इसके साथ ही बच्चों के जीन को बदलने के लिए CRISPR-Cas9 नाम के जीन एडिटिंग टूल का सहारा लिया जाएगा। जिससे बच्चे में 300 तरह के डीएनए बदले जा सकेंगे, यानी मशीन में पल रहे बच्चे में खास जीन डाले जाएंगे। जिससे आप अपने मन मुताबिक बच्चा पा सकेंगे। जो लोग कहते हैं कि हमारा बच्चा नालायक है, उन्हें इस तकनीक से उनकी इच्छा के मुताबिक बहुत ही लायक बच्चा मिल जाएगा।
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