गुरुग्राम। कोविड 19 ( Covid 19 ) से ठीक हो चुके लोगों में अवस्कुलर नेक्रोसिस ( Avascular Necrosis ) के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। गुरुग्राम के आर्टेमिस हॉस्पिटल के मरीजों के आंकड़ों से पता चलता है कि, कोविड से ठीक हो चुके ज्यादातर मरीजों में एवीएम की वजह से कूल्हे में गंभीर दर्द तथा शारीरिक अक्षमता के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। अस्पताल में एवीएन के मामलों में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं सर्जरी की आवश्यकता में भी लगभग 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। डॉ. रामकिंकर झा, चीफ एवं यूनिट हेड ऑर्थोपेडिक्स, आर्टेमिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम ने बताया कि पिछले दो सालों में फेमरल हेड ( कूल्हे ) के एवस्कुलर नेक्रोसिस के मामलों में वृद्धि हुई है। इसकी वजह काेविड के इलाज में स्टेरॉयड का इस्तेमाल है।
फेमरल हेड ( कूल्हे ) के एवस्कुलर नेक्रोसिस के मामलों में बढ़ोतरी के मुख्य कारणों में से एक है। स्टेरॉयड का जरूरत से ज्यादा /अनुचित उपयोग संभावित तौर पर इसकी सबसे बड़ी वजह है। नौजवानों में भी एवीएन के मामलों में बढ़ोतरी दिखाई दे रही है। पहले की तुलना में आज कहीं अधिक संख्या में युवा इससे पीडि़त हैं। युवाओं के अलावा, बड़ी संख्या में पुरुष आबादी, तथा मधुमेह एवं सांस संबंधी अन्य बीमारियों से पीडि़त व्यक्ति खासतौर पर इस बीमारी से अधिक प्रभावित हुए हैं। ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में भी कूल्हे के जोड़ के आसपास बेवजह दर्द की शिकायत करने वाले मरीजों के मामले भी देखे हैं। जिनकी जांच करने के बाद उन्हें इस बीमारी से पीडि़त पाया गया।
डा. झा ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान संक्रमण की गंभीरता को कम करने के लिए स्टेरॉयड का इस्तेमाल कई गुना बढ़ गया, क्योंकि यह संक्रमित मरीजों की जान बचाने के तरीकों में से एक था। हालांकि, इसके अधिक इस्तेमाल की वजह से कोविड से ठीक हो चुके मरीजों में कूल्हे के गंभीर दर्द और शारीरिक अक्षमता के मामलों में वृद्धि हुई है।
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