Know traditional importance, customs about haldi ceremony: भारत में फेस्टिव सीजन भले ही खत्म हो गए हो, लेकिन शादियों का सीजन अभी शुरू ही हुआ है। हमारा भारत संस्कार और संस्कृति का सम्मान करने वाला देश है। यहां शादियों को किसी त्योहार से कम नहीं समझा जाता है। शादी के समय में पूरा परिवार और रिश्तेदार एक साथ इकट्ठा होते हैं और भारतीय संस्कृति में लोकप्रिय कई रीति-रिवाजों को खुशहाली के साथ मनाते हैं। शादी की प्री-वेडिंग रस्मों में से एक हल्दी समारोह होता है। यह एक ऐसा अवसर होता है, जहां दूल्हा और दुल्हन के करीबी दोस्त और परिवार शादी समारोह को किकस्टार्ट करने के लिए उनके चेहरे, हाथ, पैर आदि पर हल्दी का लेप लगाते हैं।
हल्दी लगाने का पारंपरिक महत्व क्या है?
भारतीय रसोइयों में हल्दी सबसे महत्वपूर्ण सामग्री होती है। हल्दी का चमकीला पीला रंग न केवल खाने में रंग और स्वाद जोड़ता है बल्कि इसमें कई औषधीय गुण भी होते हैं। हल्दी का उपयोग घावों और जलने के इलाज के लिए एक एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी एजेंट के रूप में किया जाता है। हल्दी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और कई अन्य बीमारियों का उपचार करने में मदद करती है। हल्दी का उपयोग कॉस्मेटिक उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है क्योंकि इसमें करक्यूमिन होता है। यह स्किन को पोषण और चमकदार बनाने में मदद करता है। यही कारण है कि शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन को हल्दी लगाना एक महत्वपूर्ण रस्म और एक महत्वपूर्ण प्री-वेडिंग रस्म होती है।
हल्दी कस्टम
परंपरागत रूप से हल्दी पाउडर और गुलाब जल या आवश्यक तेल या दूध के साथ एक पेस्ट बनाया जाता है। इस लेप को कुछ गुलाब की पंखुड़ियों से सजाया जाता है और फिर इस पेस्ट को दुल्हन और दूल्हे के चेहरे, हाथों और पैरों पर दूर्वा या दूब घास की मदद से लगाया जाता है।
दुल्हन के लिए हल्दी ड्रेस आइडियाज
हल्दी की रस्म के लिए पीला रंग सबसे बेस्ट माना जाता है। पीला रंग को अक्सर भगवान विष्णु से जोड़ा जाता है। पीला रंग प्रकाश, ज्ञान, पवित्रता और जीत का प्रतिनिधित्व करता है। हल्दी की रस्म के लिए होने वाली दुल्हन पीले रंग की साड़ी, सलवार सूट या लहंगा पहन सकती हैं।
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