हममें से कुछ लोग जरूरत से ज्यादा हेल्थ कॉन्शस रहते हैं। जिस तरह हेल्थ को लेकर लापरवाही आपको बीमार बना सकती है, उसी तरह ओवर कॉन्शस रहने की आदत भी हेल्थ के लिए हार्मफुल होती है। इनमें से कुछ हैबिट्स और उनके बारे में डॉक्टर्स की राय के बारे में जानिए।
अपनी हेल्थ के प्रति कॉन्शस रहना अच्छी बात है। लेकिन जैसा कहा गया है, अति सर्वत्र वर्जयेत, कई बार हेल्थ को लेकर अच्छी आदतों को अपनाने की धुन, जब सनक बन जाए तो फायदे की बजाय सेहत को नुकसान हो सकता है। आइए जानते हैं, ऐसे ही कुछ हैबिट्स के बारे में प्रसिद्ध विशेषज्ञों की राय-
बार-बार हैंड सैनिटाइजर का यूज
अगर आप हर बार हाथ धोने के लिए सैनिटाइजर का उपयोग करते हैं, तो अलर्ट हो जाएं। शोध बताते हैं कि बेवजह हर बार ट्राइक्लोजन युक्त हैंड सैनिटाइजर जैल का प्रयोग करने से एंटीबायोटिक मेडिकेशन बेअसर हो सकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका के शहर सैन डियागो स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के चर्मरोग विभाग के प्रमुख डॉक्टर रिचर्ड गैलो कहते हैं, जब तक आप अस्पताल जैसे कीटाणु प्रभावित विशेष क्षेत्रों में न जाएं, तब तक सामान्य साबुन और पानी से हाथ धोना पर्याप्त है। अगर आपके आस-पास सिंक नहीं है, तो आप सैनिटाइजिंग जैल का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन पहले इसका लेबल पढ़ लें। 60 फीसदी या अधिक अल्कोहल युक्त जैल ज्यादा सुरक्षित माने गए हैं।
नए स्किनकेयर प्रोडक्ट आजमाना
स्किन को स्मूद बनाने, गोरापन लाने, झुर्रियां मिटाने, युवावस्था लौटाने आदि के लिए आप नित नए और एक से बढ़कर एक दावे करने वाले स्किन केयर प्रोडक्ट्स के विज्ञापन देखते होंगे और मन ललचा जाने पर उन्हें आजमाने की कोशिश भी करते होंगे। लेकिन न्यूयॉर्क की वरिष्ठ डर्मेटोलॉजिस्ट जोडी लेकीन की राय इससे बिल्कुल अलग है, वह कहती हैं, बार-बार स्किन केयर प्रोडक्ट्स बदलना परेशानी का सबब बन सकता है। विशेषतकर महिलाएं अपनी स्किन केयर प्रोडक्ट्स रूटीन से जल्दी ऊब जाती हैं। कोई भी स्किन केयर प्रोडक्ट्स अपना असर दिखाने में 6-8 हफ्ते का समय ले सकता है, लेकिन उन्हें इतना धैर्य नहीं रहता। बार-बार स्किन केयर प्रोडक्ट्स बदलने से एडल्ट रोसासिया की शिकायत हो सकती है। इसमें स्किन लाल, धब्बेदार और भद्दी हो सकती है। बेहतर यह है कि अपनी स्किन को सामान्य तरीकों से साफ-सुथरा रखें।
बार-बार टूथ ब्रशिंग
ओरल हेल्थ के प्रति जरूरत से ज्यादा जागरूक लोग कुछ भी खाने के बाद ब्रश करने की आदत पाल लेते हैं। दंतरोग विशेषज्ञों की मानें तो ऐसा करने से दांत समय से पहले ही खराब हो सकते हैं। भोजन करने पर दांतों के बीच में भोजन के महीन कण फंस जाते हैं, जो दांतों की सुरक्षा परत को अस्थाई तौर पर कमजोर कर देते हैं। ऐसे में भोजन के बाद ब्रश करने से इनेमल (दांतों का सख्त सफेद बाहरी आवरण) नष्ट हो सकता है। दांतों या मुंह में फंसे भोजनकणों की सफाई के लिए सबसे अच्छा उपाय है, भोजन के बाद सादे पानी से अच्छी तरह कई बार कुल्ले करना। हां, ओरल हाईजीन मेंटेन करने के लिए सुबह और रात दो वक्त ब्रश करना जरूरी है लेकिन दिन में कई बार नहीं। इस बात का भी ध्यान रखें कि ब्रशिंग हमेशा सर्कुलर मोशन में ही करें।
डिसइंफेक्टेंट्स का ओवरयूज
घर को साफ-सुथरा और कीटाणुरहित रखना अच्छी बात है। लेकिन जरूरत से ज्यादा एंटीबैक्टीरियल और डिसइंफेक्टिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना हेल्थ के लिए हार्मफुल हो सकता है। डॉक्टर्स का मानना है कि ऐसे क्लींजर्स में अस्थमा ट्रिगर करने वाले या स्किन को नुकसान पहुंचाने वाले तत्व हो सकते हैं। कई केमिकल्स हार्मोन का संतुलन बिगाड़ने या कैंसर जैसे प्राणघातक रोग के सबब भी बन सकते हैं। बेहतर होगा कि घर की साफ-सफाई और हाइजीन मेंटेन करने के लिए पानी में सिरका मिलाकर इस्तेमाल करें, या सतहों की सफाई के लिए बेकिंग सोडा का प्रयोग करें। इनमें कुदरती एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। वैसे भी नियमित साफ-सफाई करते रहने पर जर्म्स पनपने की संभावना कम ही रहती है।
अपने मन से न्यूट्रिशन सप्लीमेंट्स लेना
कई लोग अपनी शारीरिक जरूरतों को समझे बिना ही अपने मन से न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट्स लेने लगते हैं। अगर आपके नियमित भोजन से सभी न्यूट्रिएंट्स की आपूर्ति हो रही है और आप पूरी तरह स्वस्थ हैं, तो बिना डॉक्टर की सलाह के विटामिन और मिनरल्स की दवाएं ना लें। ऐसा करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। विटामिन ए की अधिकता से गर्भस्थ शिशु को हानि पहुंच सकती है। विटामिन सी की अधिकता से पेट की गड़बड़ी और डायबिटीज की दवा ले रहे मरीजों में ग्लूकोज रीडिंग में गड़बड़ी हो सकती है। इसी प्रकार विटामिन बी-6 सप्लीमेंट्स के बेतहाशा सेवन से नर्व डैमेज की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स भोजन के माध्यम से ही सभी जरूरी सप्लीमेंट्स की पूर्ति करने की सलाह देते हैं।
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