World Polio Day 2023: हर साल दुनियाभर में 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस 2023 (World Polio Day 2023) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य पोलियो वैक्सिनेशन (Polio Vaccination) के बारे में लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जाती है। आज के दिन पोलियो को जड़ से मिटाने के खिलाफ सरकार की ओर से अनेक कैम्पेन चलाए जाते हैं। चलिए जानते हैं कि पोलियो का क्या इतिहास (History), महत्व (Importance)�और किन लक्षणों के कारण पोलियो की बीमारी होती है।�
पोलियो क्या है
पोलियो की बीमारी को�पोलियोमाइलाइटिस (Poliomyelitis) के नाम से भी जाना जाता है। यह पोलियो वायरस से संक्रमित होने के कारण होता है, जो कि स्पाइन कॉर्ड की नसों को भी प्रभावित करता है। इसके कारण कई बार पैरालिसिस (Paralysis) या मृत्यु (Death) हो जाती है। पोलियो वायरस गले पर भी अपना प्रभाव दिखाता है और आंतों को भी। इसके बाद ये इन्फेक्शन दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड को प्रभावित करते हैं। पोलियो की बीमारी एक संक्रमित बीमारी है, जो कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल जाती है।�
वर्ल्ड पोलियो डे का इतिहास (World Polio Day History)�
वर्ल्ड पोलियो डे की शुरूआत रोटरी इंटरनेशनल (Rotary International)�द्वारा की गई थी। आज के दिन को जोनास साल्क के जन्मदिन (jonas salk birthday) पर मनाया जाता है। जोनास साल्क ने पोलियो वैक्सीन (Polio Vaccination) को खोजने के लिए पहली टीम के लोगों को लीड किया था। लेकिन 1988 में वर्ल्ड हेल्थ एसेंबली पोलियों की बीमारी को दुनिया के सभी देसों से खत्म करने के मिशन से शुरू किया था। सभी बच्चों को इस भयंकर बीमारी से बचाने के लिए वैक्सीन लगाने पर जोर दिया गया था। वर्ल्ड पोलियो डे इसी पहल का एक हिस्सा है।�
वर्ल्ड पोलियो डे का महत्व (World Polio Day Importance)�
पोलियो की बीमारी काफी ज्यादा भयंकर होती है। इससे संक्रमित होने पर पैरालिसिस होने की संभावना ज्यादा होती है। यह बीमारी ज्यादातर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को होती है, इसलिए समय पर बच्चों पर वैक्सीन लगवाना जरूरी हैं। भारत 2014 में पोलियो मुक्त देश बना था। आज के दिन जो भी पैरेन्टस अपने बच्चों को वैक्सीन लगवाते हैं, उनकी सराहना के साथ ही इस अभियान से जुटे स्वास्थ्यकर्मियों की भी सराहना होती है। भारत 2014 में पोलियो मुक्त देश बना।
पोलियो कैसे फैलता है
- बाथरूम जाने के हाथों को अच्छे से न साफ करना
- गंदे पानी से खाना बनाना
- पोलियों से संक्रमित व्यक्ति के मुंह से लार, थूक या मल आना� �
- गंदे पानी से नहाने की वजह से�
- गंदा और अनहेल्दी खाना खाने से
पोलियो के लक्षण�
- बुखार
- सिर दर्द
- गले में खराश�
- उल्टी
- पेट दर्द
- थकावट
- डायरिया
- मांसपेशियों में दर्द
- गर्दन और पीठ में अकड़न
- पैरालिसिस
- पैरों या हाथों को हिलाने में तकलीफ
पोलियो से कैसे करें बचाव�
पोलियो की बीमारी से बचने के लिए इसका एकमात्र उपाय इसकी वैक्सीन है। भारत में ओरल पोलियो वैक्सीन दी जाती है। पोलियो वैक्सीन के ड्रॉप्स 5 साल से छोटी उम्र के बच्चों को पिलाई जाती हैं। इसलिए बच्चोें के पैरेन्टस का कर्तव्य बनता है कि वह समय पर अपने बच्चे को पोलियों की वैक्सीन पिलाएं ताकि वह इस भयंकर बीमारी से बच सकें।�
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