Haribhoomi Explainer: जेंडर चेंज कर रहा ट्रेंड, जानें हिस्ट्री

जेंडर चेंज का इतिहास क्या है। 

जेंडर चेंज का इतिहास क्या है। 

Haribhoomi Explainer: एक समय ऐसा भी था, जब जेंडर चेंज का नाम सुनकर न केवल संबंधित परिवार में बल्कि रिश्तेदारों में भी बवाल मच जाता था। जेंडर चेंज कराने वाले को नसीहत दी जाती थी कि अगर समाज को पता चला तो बड़ी बदनामी होगी। लेकिन, आज के समय में जेंडर चेंज (Gender Change) का नाम सुनकर लोग उतना अचंभित नहीं होते, क्योंकि लोग जान चुके हैं कि विज्ञान के विकास के साथ ही आज जेंडर चेंज को लेकर जागरुकता भी बढ़ चुकी है। आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर में हम आपको बताते है कि जेंडर चेंज की प्रक्रिया कब और किस देश से शुरू हुई। साथ ही जानेंगे कि भारत में जेंडर चेंज को लेकर क्या स्थिति है।

लिंग परिवर्तन क्या है

लिंग परिवर्तन सर्जरी एक शल्य प्रक्रिया है, जिसके द्वारा एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति की शारीरिक उपस्थिति और उनकी मौजूदा यौन विशेषताओं के कार्य को बदल दिया जाता है, जो उनके सामाजिक रूप से जुड़े लोगों से मिलता-जुलता है।

लिंग परिवर्तन का इतिहास

बताया जाता है कि जेंडर चेंज कराने का पहला प्रयास 1930 के दशक में हुआ था। बर्लिन में लिली एल्बे ने पुरुष से महिला में चेंज होने के लिए सर्जरी कराई। हालांकि यह प्रयास असफल रहा, जिसके चलते एल्बे की मौत हो गई। हालांकि इसके बाद सफल सर्जरी को लेकर कई उपयोगी अनुभव मिले। 1932 में 'मैन इनटू वुमन' लिली एल्बे के जीवन, पुरुष से महिला संक्रमण और सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी की कहानी प्रकाशित हुई थी।

1945 में सर हेरोल्ड डेल्फ गिल्लीज को व्यापक रूप से आधुनिक प्लास्टिक सर्जरी के जनक के रूप में माना जाता है। 1973 में 'जेंडर डिस्फोरिया सिंड्रोम' शब्द गढ़ा गया। यह वह स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को यह महसूस होता है कि उसका प्राकृतिक लिंग उसके लैंगिक पहचान से मेल नहीं खाता। बच्चे के शरीर की बनावट के आधार पर जन्म के समय प्राकृतिक लिंग नियुक्त होता है। लैंगिक पहचान वह है, जैसा एक व्यक्ति अपने को 'पहचानता' है। 1979 में हैरी बेंजामिन के इंटरनेशनल जेंडर डिस्फोरिया एसोसिएशन (HBIGDA) की स्थापना की गई थी। उन्होंने देखभाल के पारलैंगिक मानक (SOC) की स्थापना की। 2003 में IOC ने ट्रांससेक्सुअल को एथेंस ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति दी क्योंकि उनके नए सेक्स के सदस्य प्रदान किए गए थे, उन्हें कानूनी रूप से मान्यता दी गई थी, उनका सेक्स चेंज ऑपरेशन हुआ था।

लिंग परिवर्तन क्यों बना चर्चा का विषय

पुरानी कहावत है कि इश्क और जंग में सब कुछ जायज है। इतिहास के पन्नो में हजारों किस्से हैं, जहां लोग अपने प्यार को पाने के लिए ऐसे कई कारनामे कर देते हैं और चर्चा का विषय बन जाते हैं। इसी क्रम में चर्चा का विषय बना लिंग परिवर्तन। कल्पना को पाने के लिए राजस्थान मीरा ने अपना जेंडर चेंज करा लिया, वह लड़का बन गईं। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर विक्की जेंडर बदलवाकर वो विक्की से निक्की बजाज बनीं। ऐसे अनेकों मामले हैं, जिसकी वजह से लिंग परिवर्तन सुर्खियों में बना रहता है।

भारत में लिंग परिवर्तन

हालांकि भारत में जीएएस की घटनाएं बढ़ रही हैं, कोई कानूनी मिसाल नहीं है। GAS (Gender Affirming Surgery) में व्यक्ति की पहचान और लिंग में परिवर्तन शामिल होता है। नतीजतन, ट्रांससेक्सुअल के अधिकारों से निपटने के लिए मौजूदा कानून अपने वर्तमान स्वरूप में अपर्याप्त हैं। कुछ साल पहले, अपर्णा के अजय मफतलाल के लिंग परिवर्तन ऑपरेशन ने इनमें से कुछ मुद्दों को प्रमुखता से लाया।

भारत में पहला बड़ा लिंग परिवर्तन

अजय मफतलाल बिजनेस टाइकून 46 साल उम्र (अपर्णा) 2003 में लिंग परिवर्तन कराया था और उनका यह कदम देश में बड़ी चर्चा का विषय रहा था। उनकी शादी 1979 में ही पारिवारिक मित्र और व्यवसायी सुदीप पारीख से हुई थी। दोनों डेढ़ साल साथ रहने के बाद आपसी रजामंदी से अलग हो गए और अंतत: 1984 में उनका तलाक हो गया।

जेंडर चेंज कर भरी सफलता का उड़ान

गौरी अरोड़ा

गौरी अरोड़ा को औपचारिक रूप से हंकी 'स्प्लिट्सविला' प्रतियोगी गौरव के रूप में जाना जाता था। उन्होंने एक ट्रांस महिला के रूप में सामने आने पर ध्यान आकर्षित किया और एक महिला में पूरी तरह से संक्रमण के लिए सर्जरी कराने के अपने फैसले की घोषणा की। तब से, वह इंडियाज नेक्स्ट टॉप मॉडल सहित कई रियलिटी शो की स्टार रही हैं।

निक्की चावला

निक्की चावला का जन्म एक पुरुष के रूप में हुआ है। फिर उसने खुद को एक महिला में बदल लिया। उसने कहा कि वह अपने जीन से परेशान था और महिला बनना चाहता था। 2009 में उन्होंने परिवार के खिलाफ जाकर सेक्स चेंज करवाया।

शिनाता संघा

ब्रिटिश इंडियन मॉडल शिनाता संघा ने भी सेक्स चेंज करवाया है। वह दक्षिण एशिया में एक प्रसिद्ध ट्रांसजेंडर हैं। शिनाता ने ट्रांसजेंडर समुदाय द्वारा आयोजित ब्यूटी कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया है।

पांच सालों में 47 ट्रांसजेंडर्स ने कराया लिंग परिवर्तन

बिहार में राज्य सरकार की मदद से बीते पांच साल में 47 ट्रांजेंडर ने अपना लिंग परिवर्तन कराया और मुख्य धारा से जुड़े हैं। इनमें सबसे ज्यादा ट्रांसजेंडर पटना के हैं। पटना के 29 ट्रांसजेंडरों ने लिंग परिवर्तन कराया है। बता दें कि लिंग परिवर्तन सर्जरी के लिए चेन्नई, बैंगलोर, मुंबई, नई दिल्ली, गुरुग्राम भारत में लोकप्रिय शहर हैं।



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Haribhoomi Explainer: जेंडर चेंज कर रहा ट्रेंड, जानें हिस्ट्री Haribhoomi Explainer: जेंडर चेंज कर रहा ट्रेंड, जानें हिस्ट्री Reviewed by HealthTak on May 12, 2023 Rating: 5

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