Back Pain: कमर दर्द या पीठ दर्द की समस्या से दुनियाभर में काफी लोग परेशान रहते हैं। यह समस्या काफी सामान्य है इसलिए यह ज्यादातर लोगों में देखने को मिलती है। कमर दर्द या पीठ दर्द की समस्या सबसे ज्यादा 40 साल की उम्र के बाद लोगों में शुरू होती है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह समस्या पुरुषों से ज्यादा महिलाओं (Back Pain Problem Male and Female) में देखने को मिलती है। बदलती लाइफस्टाइल और असंतुलित खानपान के कारण तमाम महिलाएं कमर दर्द की समस्या से जूझ रही हैं। महिलाओं में यह समस्या सबसे ज्यादा पीरियड्स और प्रेगनेंसी के दौरान होती है। इसके अलावा महिलाओं में कमर दर्द की समस्या के पीछे काफी सारे कारण (Reasons Behind Back Pain) छिपे होते हैं। ज्यादातर महिलाएं कमर दर्द की समस्या से बचने के लिए कई प्रकार की दवाओं का सेवन करती हैं, लेकिन फिर भी उन्हें इस समस्या से पूरी तरह छुटकारा नहीं मिल पाता है।
ऐसा नहीं है कि कम उम्र की महिलाओं को कमर दर्द नहीं होता है। युवा महिलाओं में कमर दर्द के वजह से मांसपेशियों में मोच, झटका, हर्नियेटेड या डिजेनरेटेड डिस्क या साइटिका जैसी समस्याएं का सामना करना पड़ सकता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, महिलाओं में पीठ दर्द के कई कारण हो सकते हैं जैसे एंडोमेट्रियोसिस, प्रीमेंस्टुअल सिंड्रोम, डिसमेनोरिया यानी दर्द वाले पीरियड्स और प्रेग्नेंसी आदि।
कमर में होने वाले दर्द के कारण (Causes of Back Pain)
प्रेग्नेंसी (Pregnancy)
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अक्सर कमर दर्द की परेशानी से जूझना पड़ता है। प्रेग्नेंसी में कमर दर्द (Back Pain in Pregnancy) की समस्या में सबसे ज्यादा दर्द कमर के ठीक नीचे और टेलबोन (Tailbone) के पास में होता है। प्रेग्नेंसी के 5वें महीने के बाद कमर में दर्द बढ़ जाता है और इसकी वजह से महिलाओं को काफी सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
ऑस्टिओपोरोसिस (Osteoporosis)
40 साल की उम्र की महिलाएं एस्ट्रोजन की कमी के कारण प्री-मेनोपॉज अवधि का अनुभव करती हैं, जिसकी वजह से उनकी हड्डियों पर नकारात्मक असर पड़ता है। वहीं, उम्र बढ़ने के कारण से भी पीठ दर्द के कई कारण होते हैं जैसे स्पाइनल स्टेनोसिस, स्पांडिलाइटिस और डिजेनेरेटिव डिस्क आदि। जब महिला 40 साल की उम्र तक पहुंचती है तब उसे प्री-मेनोपॉजल अवस्था का सामना करना पड़ता है और महिलाओं का एस्ट्रोजन लेवल भी काफी हद तक गिर जाता है, जिसके कारण महिलाओं की हड्डियां कमजोर होने लगती है।
मोटापा (Obesity)
मोटापा भी कमर दर्द का एक महत्वपूर्ण कारण है। महिलाओं को सही लाइफस्टाइल अपनाकर अपने स्वास्थ्य को ठीक रखना चाहिए। महिलाएं इस बात पर खास ध्यान दें कि बैठते समय उन्हें अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखना है। इसके साथ उन्हें रोजाना व्यायाम भी करना है। अगर वे किसी तरह का विटामिन डी और कैल्शियम का सेवन कर रही हैं, तो उन्हें इस बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए कि कौन सी दवाई उनके स्वास्थ्य लिए उचित है और कौन सी नहीं।
मेनोपॉज (Menopause)
उम्र का बढ़ना एक ऐसा बदलाव है जो हर इंसान में देखने को मिलता है। इसी प्रकार प्रत्येक औरत अपने हर 10 साल में शारीरिक बदलावों का सामना करती है, जिसके कारण ही वो अपने शरीर को बच्चा पैदा करने योग्य बनाती है। जब महिलाएं मेनोपॉज की अवस्था में पहुंच जाती है तो उसे कमर दर्द होना शुरू हो जाता है।
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कमर दर्द की समस्या से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं ये तरीके
कमर दर्द में एक्सरसाइज करना इन कारकों में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हर तरह के व्यायाम जैसे एरोबिक्स, फ्लेग्जिबिलिटी एक्सरसाइज (Flexibility Exercises), बैलेंसिंग जैसी एक्सरसाइज कमर दर्द जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने और पीठ के निचले हिस्से में दर्द को कम करने में प्रमुख रूप से मदद करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कमर दर्द का जोखिम उन महिलाओं में सबसे कम होता है जो हफ्तें में कम से कम 3 से 5 बार एक्सरसाइज करती हैं।
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