शादी के बाद जब नई दुल्हन अपने पिया के घर आती है तो शुरुआती दिनों में वह अपने नए घर यानी ससुराल में हर किसी की चर्चा का केंद्र होती है। सभी उसका ध्यान रखते हैं। नई दुल्हन के लिए यही सुनहरा मौका होता है, जब जरा-सी सूझबूझ और व्यावहारिकता से ससुराल में हर किसी का दिल जीत सकती है। फिर ताउम्र वह ससुराल में सबके दिलों में जगह बनाए रख सकती है। लेकिन ऐसा तभी मुमकिन है, जब वह कुछ बातों का ध्यान रखे।
पहनावें पर ध्यान दें
इंडियन कल्चर में अब भी बहुत आधुनिक कही जाने वाली ड्रेसेस को एक्सेप्ट नहीं किया जाता है। खासकर पुरानी पीढ़ी के लोग वेस्टर्न ड्रेसेस को अब भी पसंद नहीं करते। ऐसे में समझदार बहू घर के रीति-रिवाजों के मुताबिक साड़ी, सलवार सूट या उन्हें पसंद आने वाली ड्रेसेस पहनें तो सबको अच्छा लगेगा। हां, पति के साथ बाहर घूमने जाएं तो वहां अपनी पसंदीदा वेस्टर्न ड्रेसेस साथ ले जा सकती हैं।
मदद करें
सास-ससुर को डॉक्टर के पास ले जाना हो, उनकी मेडिकल प्रिसक्रिप्शन पढ़कर दवाएं देनी हों, एटीएम से पैसा निकलवाना हो, ऑनलाइन बैंकिंग के मार्फत उनका कोई ट्रांजैक्शन करवाना हो तो आप उनकी आगे बढ़कर मदद करें। ऐसे ही कई अन्य छोटे-छोटे कामों में भी मदद करके आप आसानी से उनकी फेवरेट बन सकती हैं। सास की शॉपिंग में मदद करना भी एक उपयोगी मदद साबित हो सकती है।
ससुराल की बुराई करने से बचें
शादी के अवसर जब ससुराल पक्ष के दूर या नजदीक के रिश्तेदार शामिल होते हैं, तो गपशप भी खूब होती है। ऐसे में कुछ शातिर किस्म के रिश्तेदार आपके सास-ससुर, देवर, ननद या पति के खिलाफ कोई आलोचनात्मक बात कह कर आपको उकसा देते हैं और आपके द्वारा साफ मन से कही गई बात में भी नमक मिर्च लगाकर फैला देते हैं। बाद में यह कह दिया जाता है कि यह बहू तो अपने सास-ससुर की बहुत बुराई कर रही है। ऐसे में इस तरह की बातों में न पड़ें और दूसरों के सामने अपने सास-ससुर, देवर, जेठ या ननद की कमियां न निकालें।
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ननद से प्यार जताएं
किसी भी घर की बेटियां चाहे कुंवारी हो या शादी-शुदा सबकी बहुत लाडली होती हैं।ऐसे में आप भी अपनी ननद को मान सम्मान दें, उसके साथ दोस्ताना व्यवहार करते हुए उसे अपना बनाकर रखें तो घर में अनायास ही आप भी सबकी चहेती बन जाएंगी। कभी मूवी या पार्क में घूमने जाएं तो अपनी ननद को साथ लेना न भूलें। अगर वह बिजी है या नहीं जाना चाहती तो लौटते वक्त छोटा-मोटा गिफ्ट या उसका पसंदीदा फूड आइटम जरूर लाएं।
मायके से न करें तुलना
आपको ध्यान रखना चाहिए कि हर घर के अपने-अपने रीति-रिवाज और खान-पान का तरीका होता है। सबकी अपनी लिविंग स्टाइल और स्टैंडर्ड होता है। ऐसे में अपने मायके और ससुराल की कभी तुलना न करें। चूंकि पांचों अंगुलियां समान नहीं होतीं, इसलिए यह उम्मीद करना बेमानी है कि आपके मायके जैसी चीजें ससुराल में भी होंगी। बेहतर यही होगा कि आप अपने ससुराल के रंग-ढंग के मुताबिक ही खुद को एडजस्ट करने की कोशिश करें।
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