बथुआ एक हरी सब्जी का नाम है, यह शाक प्रतिदिन खाने से गुर्दों में पथरी नहीं होती। बथुआ में कई प्रकार के रासायनिक संघटन लोहा, पारा, सोना और क्षार पाया जाता है। बथुए का सेवन शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। बथुए का सेवन कम से कम मसाले डालकर करें। नमक न मिलाएँ तो अच्छा है, यदि स्वाद के लिए मिलाना पड़े तो सेंधा नमक मिलाकर खाना बेहतर है। वहीं गाय या भैंस के घी से छौंक लगाएं बथुए का उबाला हुआ पानी अच्छा लगता है। इसी बीच आज हम आपको बथुए से मिलने वाले फायदो के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं इससे मिलने वाले फायदो के बारे में।
ये हैं फायदे
- कच्चे बथुए का रस एक कप में स्वादानुसार मिलाकर एक बार नित्य पीते रहने से कृमि मर जाते हैं। बथुए के बीज एक चम्मच पिसे हुए शहद में मिलाकर चाटने से भी कृमि मर जाते हैं तथा रक्तपित्त ठीक हो जाता है।
- बथुआ आमाशय को ताकत देता है, कब्ज दूर करता है, बथुए की सब्जी दस्तावर होती है, कब्ज वालों को बथुए की सब्जी नित्य खाना चाहिए। कुछ सप्ताह नित्य बथुए की सब्जी खाने से सदा रहने वाला कब्ज दूर हो जाता है। शरीर में ताकत आती है और स्फूर्ति बनी रहती है।
- मासिक धर्म रुका हुआ हो तो दो चम्मच बथुए के बीज एक गिलास पानी में उबालें । आधा रहने पर छानकर पी जाएं। आंखों में सूजन, लाली हो तो प्रतिदिन बथुए की सब्जी खाएं।
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- बथुए का रस, उबाला हुआ पानी पीएं, इससे पेट के हर प्रकार के रोग यकृत, तिल्ली, अजीर्ण, गैस, कृमि, दर्द, अर्श पथरी ठीक हो जाते हैं। पथरी हो तो एक गिलास कच्चे बथुए के रस में शकर मिलाकर नित्य पिएं तो पथरी टूटकर बाहर निकल आएगी।
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