कोरोना महामारी को लगभग एक साल हो चुका है। वहीं लोग बेसब्री से इसके इलाज के लिए वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में लोगों को खुशखबरी मिल गई है। फाइजर, मॉडर्ना, ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका जैसी कंपनियों की वैक्सीन अब रेगुलेटरी अप्रूवल के प्रोसेस में है। हर देश वैक्सीन लेने की कोशिश कर रहा है, लेकिन सप्लाई तो सीमित है। ऐसे में आम जनता तक वैक्सीन पहुंचने में समय लग सकता है। ऐसे में इंटरपोल ने हाल ही में Warning दी है कि ऑर्गनाइज्ड क्रिमिनल नेटवर्क्स कोरोना वैक्सीन के नाम पर धोखाधड़ी कर सकते हैं। इतना ही नहीं ऑनलाइन ठगी शुरू भी हो चुकी है।
इंटरपोल के अनुसार ऑर्गनाइज्ड क्राइम सिंडिकेट फर्जी वैक्सीन बेचने में लगे हुए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक ये अपराधी वैक्सीन की सप्लाई चेन में सेंध या उसे प्रभावित करने की योजना बना रहे हैं।
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कोरोना वैक्सीन का ऐसे समझें फर्जीवाड़ा?
आपको बता दें कि कोरोना वैक्सीन अभी व्यक्तिगत स्तर पर उपलब्ध नहीं है। वहीं शुरूआत में कोरोना वैक्सीन सरकार को ही दी जाएंगी। हर देश में वैक्सीन की हर एक डोज की मॉनिटरिंग का अरेंजमेंट है। इसके साथ ही आपको बता दें कि अभी तक किसी भी कंपनी ने वैक्सीन ऑनलाइन बेचने का दावा नहीं किया है। ऐसे में अगर आपको किसी वेबसाइट या मेसेज के जरिेए वैक्सीन उपलब्ध कराने का दावा मिले तो उस पर ध्यान न दें।
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