Parenting Tips: छोटे बच्चे हो या बड़े दोनों अपनी रो कर अपनी जिद मनवा लेते हैं। अब बच्चे हैं, जिद और शैतानी तो करेंगे ये नहीं करेंगे तो कौन करेगा पेरेंट्स की यही आदत बच्चों के बिगाड़ने में मदद करता है। बच्चों का जिद वाला स्वभाव कभी-कभार चल जाता है। लेकिन जब यह जिद बच्चों की आदत बन जाए, तो यह बेहद ही नुकसानदायक है।
आज के समय में अधिकतर बच्चों को देखा जाता है, कि वे अपनी हर छोटी-बड़ी, सही-गलत बात को �मनवाने के लिए जिद्द का सहारा लेते हैं। ऐसे में माता-पिता को बच्चों की इस आदत को सुधारना बहुत ही अहम हो जाता है। अगर आपका बच्चा भी है जिद्दी, तो उसे समझाने और सुधारने के लिए अपनाएं ये तरीके...
समझाने की करें कोशिश
जब बच्चा किसी बात को लेकर हद से ज्यादा जिद करने लगे, तो उसे मारने या डांटने की जगह समझाने की कोशिश करें। उसके साथ बैठकर सही और गलत का फर्क समझाएं। एक जिद को समझने के लिए किसी दूसरी चीज के लिए हामी न भरें।
जिद्द न मानने का कारण बताएं
कभी-कभी बच्चे ऐसी जिद को लेकर बैठ जाते हैं, जो उनके लिए बेहद ही नुकसानदायक होती है। ऐसे में उन्हें समझाएं और बताएं कि वे इस बात को क्यों नहीं मान रहें।
रोने और चिल्लाने दें
अक्सर बच्चे अपनी जिद को मनवाने के लिए रोने का सहारा लेते हैं। अगर माता-पिता इस बात से नहीं मानते तो चिल्लाना और सामान फेंकना शुरू कर देते हैं। ऐसे में आप उन तरस न खाएं। कुछ देर उन्हें रोने के लिए छोड़ दें। जब उन्हें ये लगेगा की उनके किसी बात से आपको कोई फर्क नहीं पड़ रहे वे कुछ देर बाद खुद ही शांत हो जाएंगे।
इग्नोर करने की करें कोशिश
बच्चा अगर जिद मनवाने के लिए बहुत ज्यादा परेशान कर रहा है, तो उसे उसके हाल पर छोड़ कर उसके इस नेचर को इग्नोर करें जैसे की आप को कोई फर्क नहीं पड़ रहा। धीरे- धीरे उन्हें आपका ये नेचर समझ आ जाएगा और वे जिद करने की आदत को कम कर देंगे।�
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